कुछ भी बन बस कायर मत बन ।
ठोकर मार पटक मत माथा
तेरी राह रोकते पाहन
कुछ भी बन बस कायर मत बन ।
तेरी रक्षा का न मोल है
पर तेरा मानव अनमोल है
यह मिटता है वह बनता है
अर्पण कर सर्वस्व मनुज को
कर न दुष्ट को आत्म समर्पण
कुछ भी बन बस कायर मत बन ।
ठोकर मार पटक मत माथा
तेरी राह रोकते पाहन
कुछ भी बन बस कायर मत बन ।
तेरी रक्षा का न मोल है
पर तेरा मानव अनमोल है
यह मिटता है वह बनता है
अर्पण कर सर्वस्व मनुज को
कर न दुष्ट को आत्म समर्पण
कुछ भी बन बस कायर मत बन ।
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